Wednesday 2 December 2015

बापू तेरी इस दुनिया में मुझे कुछ समझ ना आये

 

बापू तेरी इस दुनिया में मुझे कुछ समझ ना आये,
किसका है मुखौटा और कौन सच्चा न हम जान पाये । 
जो न हो तेरा सहारा तो मेरी तो नैया ही डूब जाए,
बापू तेरी इस दुनिया में मुझे कुछ समझ ना आये। 

सब है दिखावा, सब है ढकोसला,
सच्चा दोस्त खुद को बताके ही लोगों ने दिया धोखा । 
तेरे सिवा किसी पर भी विश्वास न कर पाये,
बापू तेरी इस दुनिया में मुझे कुछ समझ ना आये। 

क्यों बोलते हैं झूठ बेमतलब हम  ,
क्यों दुखाते हैं दिलों को  बेझिजक हम?
क्या गलत और क्या सही नहीं समझ हम पाये,
बापू तेरी इस दुनिया में मुझे कुछ समझ ना आये। 

कहीं जलाते हैं घर, तो कहीं लोग मारते हैं एक दूसरे को,
फिर  नाम पर तेरे थोप देते हैं हर गलती को। 
फिर भी तू क्यों उनपर कहर नहीं बरसाए,
बापू तेरी इस दुनिया में मुझे कुछ समझ ना आये।  

मंदिरों मस्जिदों में मांगते हैं दुआएं हम तुझसे,
हर चाहत हो पूरी ऐसी ख्वाहिश करते  हैं दिल से। 
पर कभी तेरी याद हमारे मन में घर बना न पाये,
बापू तेरी इस दुनिया में मुझे कुछ समझ ना आये।  

हम नासमझ, अनजान, अल्ल्हड़ और अनाड़ी,
अज्ञान के वश  में ही बह जाये हमारी यह जीवन सारी । 
क्या है सच और क्या झूठ यह न हम समझ पाये,
बापू तेरी इस दुनिया में मुझे कुछ समझ ना आये।  

छल कपट को ही हम सच समझ बैठे,
गलतियों के दलदल में ही हम जाते हैं गढ़ते । 
झूठे दिखावे की चकाचौंध में हमने अपनी आँखें गवांये, 
बापू तेरी इस दुनिया में मुझे कुछ समझ ना आये।  

तू ही मार्गदर्शक, तू ही है रक्षक,
बाकी तो सब लगे मतलबी भक्षक । 
तेरी छत्रछाया में सुरक्षित रहने हम आये ,
बापू तेरी इस दुनिया में अब मुझे कुछ समझ आये।
 
बड़े हैं खतरे, बड़े हैं खिलाडी,
सिर्फ तेरे दर पर समझ में आती है बात सारी । 
तेरा हाथ सिर पर न हो, तो आगे न हम बढ़ पाये, 
बापू तेरी यह दुनिया मुझे अब समझ में आये। 

 तूने ही संभाली है हमारे जीवन की डोरी ऐे  बापू,
तुझ बिन कौन इस जाहाँ में हमारा है बापू । 
तुझ से जीवन में सुख और शांति हैं आये,
बापू तेरी इस दुनिया में तेरे सहारे हम आये। 

  

हरी ओम । 
श्री राम । 
अंबज्ञ